Not known Factual Statements About सफेद मूसली के लाभ

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जमीन से कंद उखाड़ने पर उनके साथ मिट्टी आदि लगी रहती है अत: छीलने से पूर्व उन्हें धोया जाना आवश्यक होता है। इस संदर्भ में उखाड़े हुए कंदों की टोकरियों को पानी के बहाव के नीचे रखकर कंदों की धुलाई की जा सकती है। इसके उपरांत धुले हुए कंदोंकी छिलाई की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।

यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होने वाला रोग है जो यौन संपर्क की वजह से होता है। समय पर उपचार ना करवाया जाये तो नपुंसक होने की संभावना भी होती है। इसके लिए सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन करें आपको लाभ मिलेगा।

इसके सेवन से पहले रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जान लेना चाहिए। अगर गलत या ज्यादा खुराक ले ली जाये तो इसका नुकसान भी हो सकता है।

सफ़ेद मुसली बहुत से रोगों का उपचार करने के काम आती है। आप भी अगर इसका सेवन करते है तो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे। जानिए सफेद मूसली के फायदे।

सफेद मूसली चूर्ण की औषधीय मात्रा हर व्यक्ति में उम्र, शरीर की ताकत और भूख आदि पर निर्भर करती है। सफेद मूसली की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:

दिन में दो बार १ से २ ग्राम सफेद मूसली चूर्ण को लिया जा सकता है।

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वैसे तो सफेद मूसली खाने के कई सारे तरीके हैं। यह बाजार में कैप्सूल में भी उपलब्ध है। इसके अलावा दूध या शहद के साथ मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आप डॉक्टर द्वारा सुझाए गए विधि से भी मूसली का सेवन कर सकते हैं। यह एक बेहद ही उपकारी औषधी है। बशर्ते इसका सेवन सही मात्रा में करना चाहिए। इसे बॉडीबिल्डिंग करने वाले लोग भी लेना पसंद करते हैं। लेकिन इस मामले में भी आपको बता दें कि ज्यादा मात्रा में मूसली का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। तो बेहतर है कि किसी भी हालत में अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

हां, सफेद मूसली और शहद दोनों को एक साथ ले सकते हैं।

कफ को बढ़ाएं - इस औषधि की तासीर ठंडी होने के कारण यह कफ को बढ़ाने वाली होती है। तो अगर आपको पहले से ही कफ है तो इसके से बचे सेवन से बचे या कम सेवन करे।

मूसली की जड़ों विटामिनयो और खनिजो से भरपूर है। इस में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम होते है।

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